अमृत योजना का पूरा नाम अटल नवीनीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन है। इसे मा0 प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 25 जून 2015 को प्रारम्भ किया था। इस मिशन का उदेश्य देश के सभी शहरो को पानी की जलापूर्ति, सीवर कनेक्शन से जोड़ने के साथ ही लोक उपयोगिता के प्रमुख घटकों का विकास
सम्मिलित है।
अमृत योजना के तहत होने वाले महत्वपूर्ण कार्य :
- छोटे शहरों व कस्बों में शुरू की गई योजना के तहत होने वाले कामों का नियमित रूप से ऑडिट कराया जाएगा।
- हर घर के लिए हाउस टैक्स, पानी के बिल की व्यवस्था को ई गवर्नेंस के माध्यम से सुनिश्चित किया जाएगा। इसका मतलब है कि लोग घर बैठे ही सारे बिल व टैक्स जमा कर सकेंगे। लोगों को ई सुविधा केंद्रों के माध्यम से भी बिल व टैक्स को जमा करने की सुविधा मिलेगी।
- पेयजल सप्लाई के लिए लगी पुरानी लाइनों को बदला जाएगा। नई पाइप लाइन बिछाई जाएगी तो हर घर तक पानी पहुंचाने के लिए कनेक्टिंग लाइन भी बिछाई जाएगी।
- पानी की सप्लाई करने वाले पंपिंग स्टेशनों में भी नई मशीनों को लगाया जाएगा और पुरानी मशीनों का नवीनीकरण भी किया जाएगा।
- जहां पुरानी सीवर लाइन बिछी है, उसको बदला जाएगा। जिन इलाकों में अब तक सीवर लाइन नहीं बिछी है, वहां उसका निर्माण करवाया जाएगा।
- नालियों को दुरुस्त किया जाएगा। घर से निकलने वाले पानी को छोटे, नाली व बड़े नालों से होते हुए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तक लाया जाएगा।
- जिन इलाकों में पानी का संकट है, वहां पर ट्यूबवेल लगाए जाएंगे।
- पानी की सफाई के लिए जैविक व यांत्रिक मशीनों की मदद ली जाएगी।
- 24 घंटे पानी की सप्लाई के लिए पानी की बड़ी टंकियों का निर्माण करवाया जाएगा। निश्चित आबादी पर पानी की टंकी होगी। पानी की टंकी बनाए जाने से लोगों को टुल्लू पंप का प्रयोग नहीं करना पड़ेगा।
- केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि अगर उनका काम बेहतर पाया जाता है तो उनका कोटा बढ़ाया जाएगा। यानि अच्छा काम करने वाले राज्यों को अतिरिक्त धन अमृत योजना के क्रियान्यवन के लिए केंद्र की सरकार देगी।
- शहर की ट्रांसपोर्ट व्यवस्था को भी दुरुस्त किया जाएगा। अमृत योजना से पुरानी सड़कों की मरम्मत की जाएगी व सड़कों, गलियों का चौड़ीकरण भी किया जाएगा। चौराहों का सुंदरीकरण होगा और वहां पर हाईमास्ट व सेमी हाईमास्ट लाइटें लगाई जाएंगी।
- बाढ़ के बाद जल निकासी के लिए नई व गहरी नालियां और नालों का निर्माण किया जाएगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि शहर में जल भराव की स्थिति न उत्पन्न हो।
- सिटी ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था को और दुरुस्त किया जाएगा। पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए नई छोटी व बड़ी बसें लगाई जाएंगी।
ऐसे वाहनों को शहर की सीमा के बाहर किया जाएगा जो अत्यधिक धुआं छोड़ती हैं।